ऊर्जा व संवेग, द्रव्य व विकिरण का नैज गुणधर्म है और यह परिणाम निकलना असम्भव है कि विशिष्ट आपेक्षिकता के दो मूलभूत अभिग्रिहितों से वे अपने आप चतुर्सदिश रूप में प्राप्त होंगे, क्योंकि ये (अभिगृहीत) पदार्थ अथवा विकिरण के विषय में नहीं बताते, बल्कि समष्टि (दिक्) व समय (काल) के बारे में बताते हैं।